लखनऊ टिकैत से लेकर प्रदेश की सभी विपक्षी पार्टियों द्वारा की गई भाजपा को रोकने की सारी कोशिश बेकार अब क्या करेंगे मुनव्वर राणा बन गई दोबारा से योगी सरकार
श्री न्यूज 24 अदिति न्यूज अखबार लखनऊ रायबरेली
प्रवीण सैनी पत्रकार लखनऊ रायबरेली
लखनऊ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे ने बड़े- बड़े गुब्बारों की हवा निकाल दी चुनाव से पहले ये गुब्बारे हवा में ऊंचे उड़ रहे थे लेकिन फुस्स होते ही ये जमीन पर आ गिरे किसान नेता राकेश टिकैत शायर मुनव्वर राणा और लखीमपुर खीरी पर बवाल काटने वाली कांग्रेस कटे हुए दरख्त की तरह धाराशायी हो गई कहां तो भारतीय जनता पार्टी को खत्म करने का दावा किया था लेकिन खुद की साख ही खत्म हो गया
किसान आंदोलन में राकेश टिकैत ने खूब चर्चा बटोरी थी उनके आंसुओं ने मंद पड़ रहे किसान आंदोलन को और तेज कर दिया था लेकिन बाद में टिकैत राजनीतिक नेता की तरह बर्ताव करने लगे भाजपा को हराने के लिए बड़े-बड़े दावे किए टिकैत ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गांव-गांव घूम कर कहा था कि किसान किसी भी वोट दें लेकिन भाजपा को वोट हरगिज न दें।उन्होंने दावा किया था कि विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ को कुर्सी से उतार कर ही दम लूंगा टिकैत ने जो भौकाल बनाया उससे भाजपा डर भी गयी थी लेकिन जनता जनार्दन ने तो कुछ और ही सोच रखा था भाजपा को जनता जनार्दन ने सजा तो दी लेकिन मामूली एक हद तक इनाम ही ज्यादा दिया विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों पर किसान मतदाता निर्णायक थे मुजफ्फरनगर बागपत शामली मेरठ समेत इन 11 जिलों में राकेश टिकैत का खासा असर भी था किसान आंदोलन की वजह से इस इलाके में भाजपा को खत्म माना जा रहा था लेकिन जनता जनार्दन ने 58 में से 45 सीटें भाजपा की झोली में डाल कर सबको चौका दिया भाजपा को सिर्फ 8 सीटों का नुकसान हुआ।जो बवंडर खड़ा किया गया था उसके हिसाब से ये नुकसान कुछ भी नहीं विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में भी टिकैत भाजपा को मामूली नुकसान ही पहुंचा सके भाजपा को 59 में से 49 सीटों पर जीत मिली पहले से केवल दो सीटें ही कम आयीं
मुनव्वर राणा की एक शायर के रूप में मकबूलियत का कोई जवाब नहीं और लाखों लोग उनकी शायरी के मुरीद हैं लेकिन मुनव्वर ने राजनीति में घुसपैठ कर अपनी मिट्टीपलीद कर ली। उन्होंने कसम उठायी थी कि अगर योगी दोबारा जीत गये तो वे उत्तर प्रदेश छोड़ देंगे।इस विवादास्पद राजनीतिक बयान ने खूब सुर्खियां बटोरते रहे हैं चुनाव में भी अल्पसंख्यक मतों के ध्रुवीकरण की कोशिश की थी मुनव्वर की बेटी उरूसा राना को कांग्रेस ने उन्नाव की पुरवा विधानसभा सीट से बनाकर चुनावी मैदान उतारा था मुनव्वर ने जिन मुसलमानों के समर्थन में बड़ी-बड़ी बातें करते हैं,वहीं उनकी बेटी को नकार दिया पुरवा विधानसभा सीट पर उरुसा राना को महज एक हजार 878 वोट मिले और उनकी जमानत जब्त हो गयी उन्हें नोटा से भी कम वोट मिले। यहां से भाजपा प्रत्याशी अनिल सिंह ने जीत दर्ज की है जनता जनार्दन ने इस बार बड़बोले लोगों को तगड़ा सबक सिखाया है अब जब योगी आदित्यनाथ दूसरी बार सत्ता में लौट चुके हैं तो क्या मुनव्वर राना उत्तर प्रदेश छोड़ देंगे कांग्रेस की औंधे मुंह गिरी खीरी राजनीति किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुर खीरी में भी भारी बवाल हुआ था जिसमें चार किसान और चार अन्य लोगों की मौत हो गयी थी।उस दौरान लखीमपुर खीरी किसान आंदोलन का नया हॉटसपॉट बन गया था केन्द्रीय गृहमंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी और उनके बेटे आशीष मिश्रा विवाद के केन्द्र में रहे।ये बहुत दुखद घटना थी इस घटना की आड़ में जबर्दस्त राजनीति भी हुई कांग्रेस ने इस घटना को अपने राजनीतिक प्रक्षेपण का लॉन्चिंगपैड बना लिया था कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा राहुल गांधी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी नवजोत सिंह सिद्धू जैसे कई बड़े नेता यहां आये थे कांग्रेस ने खीरी मुद्दे पर देश भर में प्रदर्शन किया था बाद में सपा मुखिया अखिलेश यादव और बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा भी खीरी पहुंचे थे।इस घटना को लेकर भाजपा के खिलाफ जबर्दस्त माहौल बनाया गया था लेकिन जब विधानसभा का चुनाव हुआ तो खीरी पर विपक्ष की राजनीति औंधे मुहं नीचे गिर गयी लखीमपुर खीरी जिले की आठों विधानसभा सीटों पर भाजपा को जीत मिली जिस तिनकुनिया में हिंसा हुई थी वह निघासन विधानसभा क्षेत्र में आती है निघासन से भाजपा ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की है।भाजपा के शशांक वर्मा ने 41 हजार वोटों से विजय प्राप्त की गोला विधानसभा सीट से भाजपा के अरविंद गिरी ने पांचवीं बार जीत हासिल की पलिया विधानसभा सीट से भाजपा के रोमी साहनी ने हैट्रिक लगायी है लखीमपुर खीरी सदर से योगेश वर्मा कस्ता विधानसभा से सौरभ सिंह सोनू श्रीनगर विधानसभा से मंजू त्यागी मोहम्मदी विधानसभा से लोकेन्द्र प्रताप सिंह धौरहरा विधानसभा से विनोद शंकर अवस्थी ने जीत दर्ज की है।कांग्रेस की सारी की सारी राजनीति धरी रह गयी इन आठ विधानसभा सीटों में से एक पर भी कांग्रेस मुकाबले में नहीं रही।सभी विधानसभा सीटों पर सपा दूसरे नंबर पर रही।