इंडो-नेपाल बॉडर पर तस्करी का न थमने वाले कारोबार जारी साथ ही फलफूल रहा करेंसी अदला-बदली का अवैध धंधा
दैनिक अदिति न्यूज/श्री न्यूज टाइम्स
डीपी मिश्रा
पलियाकलां-खीरी।तहसील इलाका के नेपाल से सटी गौरीफंटा, बनगवां, सूंडा संग चंदनचौकी मंडी आदि सीमावर्ती ग्रामो के चोर रास्तो से न थमने वाला तस्करी का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रही है। इसमें सफेदपोशों संग सुरक्षा एजेंसियों के कर्मचारियों की सांठगांठ बताई जा रही है। इसके अतिरिक्त गौरीफंटा सीमा पर करेंसी अदलाबदली का कारोबार भी फलफूल रहा है। इसकी जानकारी के बाद भी सीमा की सुरक्षा एजेंसियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लग गया है।

उल्लेखनीय है कि इंडो नेपाल गौरीफंटा बॉर्डर पर भारतीय व नेपाली नोटों की अदला-बदली का अवैध धंधा जोरों से चल रहा है।
जानकारी के अनुसार सफेदपोश तस्कर बड़ी मोटी रकम लेकर बॉर्डर पहुंचते हैं और कुछ जगह चिन्हित करके भरतीय और नेपाली कटेंसी की अदला-बदली का अवैध कार्य कर रहे हैं।
जानकर सूत्रों ने बताया कि भारत से नेपाल जाने वाले नागरिकों की सुविधा के लिए नेपाल सरकार ने सीमा पर ही अपने कस्टम (भन्सार)आफिस के निकट करेंसी बदलने की व्यवस्था बना रखी है, इसमें भारतीय करेंसी के बदले में नेपाली करेंसी लेने पर कुछ प्रतिशत लिए जाते हैं। जबकि भारतीय सीमा पर इस तरह की कोई ब्यवस्था नही है। इसका फायदा उठाने वाले सफेदपोशों संग सीमा पर सक्रिय तस्कर भी उठा रहे हैं। वह भारतीय सीमा में अपने चिन्हित स्थानों बैठकर मनमाना प्रतिशत लेकर करेंसी की अदला-बदली का अवैध कारोबार चला रहे हैं।
इससे भारतीय नेपाली नोटों की तस्करी का धंधा अपने पूरे चरम पर आखिर अधिकारी क्यों नहीं कर रहे कोई के कार्रवाई यह बना चर्चा का विषय बना हुआ है। इस अवैध कारोबार के चलते सीमा पार से नकली भारतीय करेंसी भी लायी जा सकती है। इस समभावना से भी कतई इनकार नही किया जा सकता है।
उधर सीमा के दुधवा के जंगल से सटे चोर रास्तो से तस्करी का अवैध कारोवार भी स्फेदपोश तस्करों की सरपरस्ती में अमरबेल की तरह फलफूल रहा है।
जानकर सूत्रो ने बताया कि सीमा पर सक्रिय सफ़ेदपोश तस्कर भारतीय व नेपाल के गरीब बेरोजगार युवकों के नेटवर्क का जाल बनाकर तस्करी करवा रहे हैं, इस नेटवर्क में गरीब महिलाओं के भी शामिल होने की जानकारी सूत्रों ने दी है। बताया गया कि भारत से भारतीय कपड़ा, घरेलू उपभोक्ता समान नेपाल और नेपाल से प्रतिबंधित थर्ड कंट्री गुड्स सीमा पार लाकर भारतीय महानगरों को भेजकर अपनी तिजोरियों को भर रहे हैं। ऐसा भी नही कि सीमा सुरक्षा में लगी एजेंसियों को सफ़ेदपोश तस्करों के इस अवैध कारोबार की जानकारी न हो, लेकिन वह निज स्वार्थ में वह मूक बघिर बनकर अवैध कारोवार को बढ़ावा दे रहे हैं।
सीमा सुरक्षा के लिए एसएसबी जवानो संग पुलिस, कस्टम आदि विभगो के अधिकारियों व कर्मचारियों का भारी अमला तैनात है। बावजूद इसके सीमा पर तस्करी का न थमने वाला अवैध कारोबार निर्वाध गति से चल रहा है।
तस्करों द्वारा बड़े पैमाने पर करेंसी की अदला-बदली के धंधे को दिया जा रहा है अंजाम बार्डर की तमाम सुरक्षा एजेंसियां मौन साधे हुए हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी, लगभग 5 सालों से उच्च पद पर बैठे एक अधिकारी का तस्करों को मिल रहा सह और हो रहा गैरकानूनी काम।
ऐसे अधिकारियों पर हो कार्रवाई जो भारत के विभाग में बैठकर तस्करों को दे रहे हैं बढ़ावा।
ऐसे अधिकारी के साथ मिलकर तस्करों ने कमवाए और कमाए हैं अकूत संपत्ति, वीआईपी सिटी से लेकर हाईवे पर लाखों की जमीनों को करोड़ों में खरीदकर खपाए है करोड़ों रुपए, ऐसे लोगों की होनी चाहिए जांच।
आखिर इतनी बड़ी रकम लाए कहां से बना जांच का विषय है।
आखिर आयकर विभाग ऐसे तस्करों पर जिम्मेदार विभाग के अधिकारी व कर्मचारी कोई भी कार्रवाई नही कर रहे हैं। इससे उनकी कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लग गया है।